आज भारतीय वायु सेना का 93वां स्थापना दिवस, जानें कितनी ताकतवर है एयरफोर्स

USAF F-15C Eagles from Elmendorf AFB, Alaska and Indian air force MIG-27 Floggers fly together over the Indian landscape during Cope India 04, the first bilateral fighter exercise between the two air forces in more than 40 years. The 10-day exercise concluded Feb 25. (IAF courtesy photo)

भारतीय वायुसेना (Indian Army) आज 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस माना रहा है। आज भारतीय वायुसेना की ऐतिहासिक दिन के मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी।

भारतीय वायु सेना स्थापना दिवस 2025 पर आईएएफ अपना भव्य परेड और एयर शो के जरिए अपनी ताकत और शौर्य का प्रदर्शन करेंगी। भारतीय वायु सेना स्थापना दिवस 2025 के 93वीं वर्षगांठ का समारोह गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित किया गया है।

भारतीय वायु सेना की ताकत अमेरिका, चीन और रूस के बाद कर्मियों और विमानों की संख्या के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है। यह न सिर्फ युद्ध के दौरान भारत की रक्षा करती है बल्कि विभिन्न आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद भी करती है। इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में शांति प्रयासों में भी इसकी भूमिका रही है। इसके पास 1700 से ज्यादा विमान हैं और इसमें लगभग 1,40,000 कर्मी कार्यरत हैं।

भारतीय वायु सेना का सुनहरा इतिहास

देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना के एयर फोर्स को रॉयल इंडियन एयरफ़ोर्स (RIAF) कहा जाता था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था। एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी को भारतीय वायु सेना का संस्थापक माना जाता है। आजादी के बाद 1 अप्रैल 1954 सुब्रोतो मुखर्जी को भारतीय वायु सेना का पहला वायु सेना प्रमुख भी नियुक्त किया गया था।

भारतीय वायुसेना का पहला दस्ता 1 अप्रैल 1933 को बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी। आजादी से पहले वायु सेना आर्मी के तहत ही काम करती थी। एयर फोर्स को आर्मी से ‘आजाद’ करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। जो 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक एयर मार्शल रहें।

Indian Air Force Day 2025 पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह (A.P. Singh) ने कहा कि अपनी विजय और सफलता का जश्न मनाते हुए, हमें भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारी योजनाएँ नवीन, व्यावहारिक और अनुकूलनीय होनी चाहिए। ‘ऑपरेशन सिंदूर स्पष्ट दिशा-निर्देशों, भारत की स्वदेशी क्षमताओं और सशस्त्र बलों के बीच प्रभावी सामंजस्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण था। भारतीय वायु सेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर, नवाचार को अपनाकर और व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को कायम रखते हुए हमारे देश के आसमान की रक्षा करना जारी रखेगी। हमारी परिचालन योजनाओं में नई प्रणालियों, हथियारों और उपकरणों के एकीकरण की बढ़ी हुई गति एक बड़ी सफलता रही है। मैं देख सकता हूं कि एयर वॉरियर्स में जवाबदेही, सुरक्षा और संरक्षा की संस्कृति बढ़ी है।

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