मोदी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को समाप्त कर उसकी जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की तैयारी में है। प्रस्तावित कानून को ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’ नाम दिया गया है। इस बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है और इसकी कॉपी लोकसभा सांसदों के बीच सर्कुलेट कर दी गई है।
सरकार का कहना है कि यह नया कानून ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का एक नया ढांचा तैयार करेगा। प्रस्तावित बिल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया गया है। खास बात यह है कि रोजगार की गारंटीड अवधि को मौजूदा 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रावधान किया गया है। सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण परिवारों की आय में बढ़ोतरी होगी और आजीविका के साधन मजबूत होंगे।
हालांकि, विपक्ष ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने सरकार पर महात्मा गांधी का नाम हटाने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना केवल एक कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा को कमजोर करने की कोशिश है। इस मुद्दे पर संसद में तीखी बहस होने के आसार हैं।